बोलबा :बोलबा प्रखंड के बेहरीनबासा गिरिजा टोली निवासी अस्मित लकड़ा उम्र करीब 24 वर्ष गंभीर रोग से पीड़ित है जिसका कहीं इलाज नही हो रहा है। अपनी बीमारी का इलाज कराने को लेकर दरबदर की ठोकरे खाने को मजबूर है ।जानकारी देते हुए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बोलबा के आयुष डॉक्टर देवतोष भूटिया ने बताया कि अपने मां फुलेरिया लकड़ा के साथ बोलबा स्वास्थ्य केंद्र आई थी ।अस्मित लकड़ा को पोलाइड नामक बीमारी हुई है ।यह बीमारी लाखों आदमी में एक होती है ।यह बीमारी अप्रत्याशित रूप से शरीर में वृद्धि करती है ।यह शुरुआत में शरीर में मसा के रूप में निकलती है जिसके बाद यह शरीर के ऊपर अत्यधिक मांस को एकत्रित कर विकराल रूप को धारण करती है ।जिसके कारण ही अस्मित लकड़ा के सिना एवं बाये पैर में बृहद रूप से मांस जमा हो गई है ।अस्मित लकड़ा की मां फूलेरिया लकड़ा ने बताया कि करीब 1 साल होने जा रहा है बोलबा प्रखंड मुख्यालय के पत्रकारों ने मेरे बेटे की समस्या को प्रमुखता से अपने-अपने अखबार में प्रकाशित किया था जिसके बाद 2 अगस्त 2023 को पूर्व के सीएस सिमडेगा नवल किशोर एव पूरे मेडिकल के टीम के साथ बेहरीनबासा गिरजाटोली जाकर पीड़ित व्यक्ति को बेहतर इलाज सरकारी खर्चे में करने को लेकर आश्वासन दिया था ।इसे दुर्भाग्य ही समझे की इस घटनाक्रम के दूसरे दिन ही सिमडेगा सीएस नवल किशोर का तबादला हो जाता है ।फूलेरिया लकड़ा ने बताया कि कई बार हमारे विधायक नमन विक्सल कोंनगाड़ी को इस समस्या को लेकर अवगत कराई है पर सिर्फ आश्वासन के सिवा किसी प्रकार का ठोस पहल नहीं कराया गया ।कहा कि करीब 8 महीने पूर्व अपने खर्चे से रांची स्थित रिम्स अस्पताल में जाकर करीब डेढ़ महीने रहकर मेरे बेटे का सीने में जमा हुआ मांस को हटाने को लेकर तीन बार ऑपरेशन किया गया ।जिसके बाद मैंने कहा कि पैर में भी इसी तरह की समस्या है इसे भी ऑपरेशन कर हटाया जाए पर वहां के डॉक्टर के द्वारा कहा गया कि यहां संभव नहीं है हम इन्हें बेहतर इलाज के लिए एम्स के लिए रेफर करते हैं ।एक तो गांव के लोग किसी तरह बोलबा प्रखंड के पत्रकारों के सहयोग से रांची स्थित रिम्स में जाकर इलाज तो कर दिया गया पर एम्स जाने को लेकर परिवार के लोग पूरी तरह से मजबूर दिखे फूलेरिया लकड़ा ने कहा कि मेरे तीन बच्चे हैं दो लड़का और एक लड़की है। यह पीड़ित लड़का ही मेरे घर में सबसे बड़ा लड़का है।इसके इस तरह से बीमार होने से हम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है ।एक तरफ तो गरीबों की मार झेल रहे हैं, इस तरह हम लोग मेरे लड़के का इलाज किस तरह हो जिसको लेकर हम पूरे परिवार के लोग सदमे में रहते हैं ।पीड़ित परिवार के लोगों ने जिला के आला अधिकारियों एवं तमाम जनप्रतिनिधियों से अपने बच्चों की बेहतर इलाज करने को लेकर गुहार लगाई है।
